nke wrote:
ऋतुजी,
फ्राँस के आपके विश्वविद्यालय में संस्कृत की बात पढकर यह जानना चाहती हूँ कि यह प्रोफे़सर साहब स्वयं भारतीय हैं या फ्राँसीसी. आप इंग्लैंड से इतनी दूर नहीं है. सो जब भी यहाँ पधारे तो यहाँ कुछ सांस्कृतिक संस्थाओं और विश्वविद्यालय में मुलाकात के लिए फुर्सत निकाल के अवश्य रखिएगा. यहाँ पर संस्कृत का स्तर अत्यंत ही ऊँचा है. न केवल हमारे अपने भारतीय विद्या भवन में अपितु SOAS, Cambridge University और School of Economic Science जैसी अंग्रेज़ संस्थाओं में भी गोरे प्रोफेसरों की विद्वत्ता सचमुच ही वंदनीय है. उदाहरण के तौर पर, एक गोरे पादरी हमें पाणिनि का व्याकरण और गीता सीखा रहे थे, जिस पर मेरे विद्वान मातापिता भी खुश हो गए थे. कभी कभी मुझे लगता है कि भारत की संस्कृति के लिए जितना आदर और विद्वता इन लोगों में भरी है, इतनी शायद भारत में मुश्किल से मिलेगी. सुना है, जर्मनी में भी संस्कृत की विद्वत्ता उच्चतम है.
Just corrected your mistakes!